Tuesday, April 9, 2013

बच्चों की दुआ / इक़बाल

लब पे' आती है दुआ बन के तमन्ना मेरी,
ज़िन्दगी शमा की सूरत हो ख़ुदाया मेरी

दूर दुनिया का मेरे दम से अंधेरा हो जाए
हर जगह मेरे चमकने से उजाला हो जाए

हो मेरे दम से यूँ ही वतन की ज़ीनत,
जिस तरह फूल से होती है चमन की ज़ीनत

ज़िन्दगी हो मेरी परवाने की सूरत या रब !
इल्म की शमा से हो मुझ को मुहब्बत या रब !

हो मेरा काम ग़रीबों की हिमायत करना,
दर्दमंदों से, ज़ईफ़ों से मुहब्बत करना

मेरे अल्लाह, बुराई से बचाना मुझ को,
नेक जो राह हो, उस रह पे' चलाना मुझ को


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